शिशुओं की समस्याएँ एवं घरेलू निदान
शिशुओं की समस्याएँ एवं उनके घरेलू निदान
बच्चों के लिए घरेलू नुस्खे पता होने से छोटी छोटी परेशानियों का घर पर ही इलाज हो सकता है। जब तक बच्चे हँसते खेलते रहते है ,सभी को बहुत प्यारे लगते है। जब वे रोना शुरू करते है तो परेशानी बढ़ा देते है। उन्हें समझ नहीं आता उन्हें क्या करना चाहिए , वे तकलीफ में तो बस रोना जानते है। बड़ों को उनकी परेशानी का अंदाजा लगाकर उनकी समस्या का हल निकालना पड़ता है। बच्चों को भी वे सब परेशानी हो सकती है जो बड़ों को होती है पर कुछ समस्या ऐसी होती है जो सामान्य होती और अधिकतर बच्चों को होती है। इन परेशानियों में घरेलु निदान बहुत काम आते है।
बच्चों के पेट में दर्द –
*बच्चों को पेट दर्द कई कारण से हो सकता है। स्तनपान करने वाला शिशु भी इससे अछूता नहीं है। दूध पिलाने वाली माँ को ऐसे भोजन से परहेज करना चाहिए जो पचने में भारी हों और पेट में गैस पैदा कर सकते हों। यदि शिशु को पेट दर्द हो रहा है तो पानी में हींग घोलकर उसके नाभि के आस पास ये पानी लगा दें। इससे गैस निकल जाएगी और शिशु रोना बंद कर देगा।
*चौथाई कप पानी में 15 -20 दाने अजवाइन के डालकर उबाल लें। आधा रह जाने पर थोड़ा सा गुड़ मिला लें थोड़ा गुनगुना रहने पर आधा चम्मच सुबह , आधा चम्मच शाम को पिलायें । पेटदर्द भी ठीक होता है और सर्दी लगी हो तो वो भी मिटती है। सर्दी के मौसम में नहलाने या सिर धोने के बाद इस पानी को पिलाने से सर्दी जुकाम नहीं होते।
बच्चों की गुदा में चूरने कीड़े –
*बच्चों को गुदा में चूरने कीड़े की समस्या आम है। इसकी वजह से बच्चे रोते रहते है। ऐसे में थोड़ी सी रुई मिट्टी के तेल में भिगो कर बच्चे की गुदा में लगा दें। चूरन कीड़े खाने बंद हो जायेंगे और बच्चा आराम से सो जायेगा।
*थोड़ा सा टेलकम पाउडर ( मिंट वाला या घमौरी वाला नहीं हो ) गुदा पर लगाने से चूरने कीड़े खाने तुरंत बंद हो जाते है।
बच्चों के कान में दर्द –
*बच्चा यदि कान के पास बार बार हाथ ले जाकर रो रहा हो तो हो सकता है उसे कान में दर्द हो रहा हो। कान में हल्की सी बाफी (मुँह से गर्म हवा ) देने से उसे आराम मिलेगा.
*कपडे को गर्म करके कान के पास लाने से सिकाई करने से कान के दर्द में आराम आता है।
* लेटकर स्तनपान कराने के कारण कान में इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है अतः इसका ध्यान रखना चाहिए। लेट कर शिशु को स्तनपान नहीं कराएँ।
* माँ अपने दूध की दो बूँद कान में टपका दे तो शिशु को कान के दर्द में आराम मिलेगा।
बच्चों के दांत निकलते समय-
* गाय के दूध में मोटी सौंफ उबालकर एक -एक चम्मच तीन चार बार पिलाने से दाँत आसानी से निकलते है।
* मसूड़ों पर दिन में चार पांच बार शहद लगाना चाहिए।
बच्चों को दस्त-
* जायफल को पानी के साथ घिसें। ये पानी आधा चम्मच सुबह शाम पिलाने से दस्त बंद हो जाते है। इससे सर्दी भी मिटती है।
* दूध पीने से जिन बच्चों को उल्टी और दस्त की परेशानी होती हो उन्हें सेब का रस दिन में तीन बार पिलाना चाहिये। सेब का रस, मरोड़ चलकर होने वाले दस्त में भी बहुत आराम देता है। सेब छिलके हटा कर काम लेनी चाहिए। सेब के टुकड़े करके दूध में उबाल कर इस दूध को पीने से गर्मी में होने वाले दस्त ठीक होते है।
* दूध में संतरे का रस मिलाकर पिलाने से बच्चों को दस्त में आराम आता है। इस दूध को रखना नहीं चाहिए।
* एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर उबालें। आधा रह जाये तब छानकर ठंडा होने दें। ये पानी दो-दो चम्मच तीन चार बार पिलाने से दस्त , पेचिश , मरोड़ आदि ठीक हो जाते है।
* पका हुआ केला मसल कर खिलाने से दस्त ठीक होते है। दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को दही और चावल खिलाने चाहिए।
विशेष : दस्त में नमक व चीनी का घोल लगातार पिलाना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी नहीं हो।
बच्चा बिस्तर में पेशाब करता है –
* सोने से पहले बच्चे को पेशाब कर लेने की आदत डालें।
* तिल और गुड़ के लडडू खाने से बच्चों का बिस्तर में पेशाब करना बंद होता है।
* एक गिरी अखरोट और 10 -12 किशमिश रोज सुबह खिलाने से कुछ दिनों में बिस्तर में पेशाब करना बंद हो जाता है।
तो मित्रों ये थी मोना गुरु की और से छोटे बच्चों की कुछ बिलकुल सामान्य समस्याएँ और उनके बिलकुल साधारण से घरेलु इलाज आपको अगर ये जानकारी अच्छी लगी हो तो आप फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर इसे शेयर करके आगे भी अपने मित्रों के साथ साझा कर सकते है, शेयरिंग के लिए आवश्यक लिंक्स नीचे दिए गये है.
“मोना-गुरु” हर महिला की वो आभासी (वर्चुअल) सहेली है ,जो रोजमर्रा की हर मुश्किल का आसान हल तो देती ही है साथ ही अपनी सखियों को घर-संसार से जुड़ी हर बातों में आगे भी बनाये रखती है.